गुरु ग्रह शांति पूजा 19000 मंत्र जप

 





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  • गुरु ग्रह शांति पूजा
    गुरु ग्रह शांति पूजा के माध्यम से गुरु की अशुभता को दूर कर उन्हें अपनी जन्मकुंडली में बनाएं मज़बूत।
  • गुरु शांति पूजा के लाभ
    गुरु शांति पूजा करने से विवाह में आ रही परेशानी दूर होती है।
  • सबसे सटीक उपाय
    गुरु के प्रकोप से बचने के लिए गुरु ग्रह शांति पूजा है सबसे सटीक उपाय।
  • अभी करवाएं ऑनलाइन पूजा व अनुष्ठान
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गुरु ग्रह शांति पूजा

गुरु ग्रह ज्योतिष के सभी नव ग्रहों में से सबसे अधिक शुभ ग्रह माने जाते हैं। जीवन में हर क्षेत्र में सफलता के पीछे गुरु ग्रह की स्थिति, बेहद महत्वपूर्ण होती है। यदि किसी कुंडली में गुरु मजबूत हो तो जातक का सफल होना तय होता है। हिंदू ज्योतिष में गुरु को धनु और मीन राशि का स्वामी माना गया है। वहीं अगर बात करें गुरु की नीच व उच्च राशि की तो, कर्क इनकी उच्च राशि है, जबकि मकर इनकी नीच राशि मानी जाती है। ऐसे में गुरु दोष के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए, पूजन की अनेक विधि हैं। जिसमें सर्वोपरि व सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। गुरु दोष की शांति के लिए गुरु ग्रह को उनके मंत्रों द्वारा शांत किया जाता है।


पूजा की संपूर्ण जानकारी और विधि
गुरु ग्रह का महत्व
ज्योतिष में गुरु को ज्ञान का कारक माना जाता है।इसके साथ ही ये संतान, धार्मिक कार्य, धन, दान और पुण्य आदि के भी कारक होते हैं। ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह को 27 नक्षत्रों में तीन पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। जबकि जातक की शिक्षा तथा विकास हेतु कुंडली में मुख्य रूप से बृहस्पति का स्थान देखा जाता है। हम ये मानते हैं कि सफलता के पीछे सकारात्मक ऊर्जा का होना अहम होता है और यही काम गुरु करते हैं। गुरु जीवन के अधिकतर क्षेत्रों में सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करने में सहायक होते हैं। यही कारण है इनके सकारात्मक रुख के चलते, व्यक्ति कठिन से कठिन समय से भी आसानी से निकलने में सफल होता है। क्योंकि ये गुरु ही होते हैं जो जातक को, आशावादी बनाते हैं और जातक के जीवन में निराशा को प्रवेश नहीं करने देते। इसके फलस्वरूप सफलता खुद ब खुद जातक के कदम चूमने लगती है और इससे जातक के जीवन में खुशियां आती हैं। इसके अलावा गुरु के अच्छे प्रभाव स्वरूप जातक परिवार को साथ में लेकर चलने की चाह रखने वाला होने के साथ ही, बैंक, आयकर, खजांची, राजस्व, मंदिर, धर्मार्थ संस्थाएं, कानूनी क्षेत्र, जज, न्यायालय, वकील, संपादक, प्राचार्य, शिक्षाविद, शेयर बाजार, पूंजीपति, दार्शनिक, ज्योतिषी, वेदों और शास्त्रों का ज्ञाता होता है।

गुरु ग्रह शांति पूजा कैसे होगी ?
गुरु ग्रह शांति पूजा हेतु, किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से सहायता लेते हुए online पूजा का विवरण पूजा कराने वाले यजमान (जातक) को दिया जाएगा और आपकी पूजा को एक विशेष पंडित जी को सौंपा जाएगा और उसका शुभ निर्धारित समय जातक को दिया जाएगा। नामित पंडित जी एक समय में केवल एक पूजा करेंगे। पूजा से पहले पंडित जी या आचार्य जी आपके व आपके परिवार का विवरण प्राप्त करेंगे और उसके बाद ही, संकल्प या पूजा के लिए उद्देश्य के साथ पूजा की शुरुआत करेंगे। पूजा शुरू होने से ठीक पहले, आपको एक कॉल लगाया जाएगा ताकि पंडित जी आपको अपने साथ संकल्प पाठ में शामिल कर सकें। यह पूजा की शुरुआत का प्रतीक है। यदि पूजा के दौरान आप अपने घर में या मंदिर में हो तो, आप एक शांत स्थान में बैठकर लगातार “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवे नम:” मंत्र का जप व पाठ कर सकते हैं। फिर पूजा के अंत में, पंडित जी आपको पूजा के दौरान उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा को स्थानांतरित करने के लिए पुनः फ़ोन के जरिए शामिल करेंगे। इस प्रक्रिया को “श्रेया दाना” या “संकल्प पूर्ति” के रूप में जाना जाता है। यह पूजा के अंत का प्रतीक है।

गुरु ग्रह की पूजा में सर्वोपरि है वैदिक मंत्र
गुरु ग्रह का शांति हेतु पूजन वैदिक मंत्रों, पारंपरिक 19000 हजार मंत्रों का पाठ और षोडशोपचार चरणों के साथ की जाती है। पूजा में “होमा” (हवन) अनुष्ठान भी शामिल होते हैं, जिसमें घी, तिल, जौ और भगवान सूर्य से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री व सूर्यादि संख्याओं के मंत्र का पाठ करते हुए, अग्नि को अर्पित किया जाता है। जातक की जन्म कुंडली में ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, वैदिक पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त और नक्षत्र को ध्यान में रखकर ही करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए, एक पुजारी यानी एक पंडित जी को नियुक्त कर, पूजा को 5 या 6 घंटों में संपन्न किया जाता है।

बृहस्पति ग्रह शांति पूजा के लाभ
  • ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि बृहस्पति की पूजा करने से, अन्य ग्रहों के भी अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है।
  • दंपत्ति द्वारा बृहस्पति ग्रह की शांति पूजा करने से, उन्हें संतान प्राप्ति एवं संतान की लम्बी एवं प्रबल जिंदगी का वरदान मिलता है।
  • बृहस्पति देव की शांति पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में मानसिक शक्ति, पदोन्नति, धन वृद्धि, और बौद्धिक शक्ति का विकास होता है।
  • गुरु ग्रह शांति पूजा कई मायनों में बेहद लाभकारी माना जाता है। क्योंकि इससे शारीरिक और मानसिक समस्याएं पूरी तरह से दूर होती है।
  • बृहस्पतिवार के दिन बृहस्पति शांति पूजा करने वाले व्यक्ति को, ज्ञान प्राप्ति का वरदान मिलता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

Q1. गुरु ग्रह शांति पूजा से क्या लाभ मिलता है?

इस पूजा को करने से जन्म कुंडली में मौजूद गुरु दोष के नकारात्मक प्रभावों का अंत होता है। साथ ही जातक के जीवन में विवाह और संतान से जुड़ी हर प्रकार की समस्या भी दूर होती है।

Q2. क्या गुरु ग्रह शांति पूजा में मेरी शारीरिक उपस्थिति की आवश्यकता होगी ?

नहीं, इस पूजा अनुष्ठान की यह सबसे अनोखी सुंदरता यह है कि इसके अनुष्ठान के दौरान आप शारीरिक रूप से अन उपस्थित होते हुए भी, इस पूजा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

Q3. क्या पूजा के दौरान उपस्थित होना आवश्यक है?

पूजा की शुरुआत में जातक को संकल्प के लिए उपस्थित होना आवश्यक है लेकिन पूरी पूजा के दौरान यदि वह उपस्थित ना भी रहें तो पूजा विधि-विधान से संपन्न की जाती है।

Q4. नवग्रह पूजा की विधि क्या है?

नवग्रह दोष के निवारण हेतु पूजन की अनेक विधि हैं। सबसे उत्तम विधि वैदिक मंत्रों द्वारा किया जाने वाला विधान है। नवग्रह दोष की शांति के लिए नौ ग्रहों को उनके मंत्रों द्वारा शांत किया जाता है।

  • नवग्रह-पूजन के लिए सबसे पहले ग्रहों का आह्वान किया जाता है। उसके बाद उनकी स्थापना की जाती है।
  • फिर बाएँ हाथ में अक्षत लेकर मंत्र उच्चारण करते हुए दाएँ हाथ से अक्षत अर्पित करते हुए ग्रहों का आह्वान किया जाता है।
  • इस प्रकार सभी ग्रहों का आह्वान करके उनकी स्थापना की जाती है।
  • इसके उपरांत हाथ में अक्षत लेकर मंत्र उच्चारित करते हुए नवग्रह मंडल में प्रतिष्ठा के लिये अर्पित करें।
  • अब मंत्र उच्चारण करते हुए नवग्रहों की पूजा करें।
ध्यान रहे पूजा विधि किसी विद्वान ब्राह्मण से ही संपन्न करवायें। पूजा नवग्रह मंदिर में भी की जा सकती है।

Q5. गुरु ग्रह शांति पूजन का कुल समय कितना होता है ?

आमतौर पर, इस पूजा को करने में एक दिन में लगभग 5 से 6 घण्टे का समय लगता है।

Q6. गुरु ग्रह शांति पूजन का समय कैसे निर्धारित किया जाता है ?

गुरु शांति पूजा का समय शुभ मुहूर्त देखकर तय किया जाएगा।

Q7. पूजा कितने समय तक चलती है?

यह पूजा 5 पुजारियों की एक टीम नियुक्त कर लगभग 5 या 6 घंटों तक चलती है, जिसमें आचार्य या पंडित जी द्वारा मंत्रो का उच्चारण किया जाता है।

Q8. नवग्रह पूजन का मुहूर्त कैसे निर्धारित किया जाएगा?

पूजा का समय शुभ मुहुर्त देखकर तय किया जाएगा।

Q9. इस पूजन को कराने लिए क्या-क्या जानकारी होना अनिवार्य होता है ?

इस पूजन को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-

  • पूरा नाम
  • गोत्र
  • वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।
  • पूजा करने का उद्देश्य - आप पूजा क्यों कर रहे हैं?

Q10. ऑनलाइन गुरु ग्रह शांति पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?

जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आपको “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः” मंत्र का जाप करना चाहिए।

Q11. इस पूजन को कराने लिए क्या-क्या जानकारी होना अनिवार्य होता है ?

इस पूजन को कराने के लिए, पुरोहित जी यजमान से पूजा से पहले से कुछ जानकारी लेते हैं। जो इस प्रकार है:-

  • पूरा नाम
  • गोत्र
  • वर्तमान शहर सहित राज्य, देश, आदि।
  • पूजा करने का उद्देश्य - आप पूजा क्यों कर रहे हैं?

Q12. नवग्रह पूजन के लिए किस सामग्री का उपयोग होता है?

इस पूजन में धूप, फूल पान के पत्ते, सुपारी, हवन सामग्री, देसी घी, मिष्ठान, गंगाजल, कलावा, हवन के लिए लकड़ी (आम की लकड़ी), आम के पत्ते, अक्षत, रोली, जनेऊ, कपूर, शहद, चीनी, हल्दी और गुलाबी कपड़ा, आदि विशेषरूप से उपयोग किया जाता है।

Q13. ऑनलाइन बृहस्पति ग्रह शांति पूजा के दौरान दान का महत्व?

गुरु ग्रह शांति हेतु पूजन के दौरान विशेषज्ञ जरूरतमंदों में पुखराज, सोना, चने की दाल, खांड, घी, पीला कपड़ा, पीला फूल, हल्दी, पुस्तक, पीला फल दान, आदि करने की सलाह देते हैं।

Q14. नवग्रह पूजा कैसे होगी?

आचार्य द्वारा किए जाने वाले ऑनलाइन पूजा का विवरण आपको दिया जाएगा और आपकी पूजा को एक विशेष पंडित जी को सौंपा जाएगा, जिनके द्वारा एक शुभ घड़ी पूजा के लिए चुनी जाएगी। नामित पंडित जी एक समय में केवल एक पूजा करेंगे। पूजा शुरू होने से ठीक पहले, आपको एक कॉल लगाया जाएगा, ताकि आपके पंडित जी आपको उसके साथ संकल्प का पाठ करवा सकें। यह शुरुआत का प्रतीक है। यदि पूजा के दौरान आप अपने घर में या मंदिर में हो तो आप एक शांत स्थान में बैठ कर लगातार नवग्रह मंत्र का जप कर सकते हैं।

Q15. नवग्रह पूजन की समाप्ति पर क्या होगा ?

पूजा के अंत में, आपके पंडित जी आपको पूजा के दौरान उत्पन्न सकारात्मक ऊर्जा को स्थानांतरित करने के लिए फिर से बुलाएंगे। इस प्रक्रिया को श्रेया दा या संकल्प पूर्ति के रूप में जाना जाता है। यह पूजा के अंत का प्रतीक है।

Q16. ऑनलाइन नवग्रह पूजा से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए क्या करना चाहिए ?

जब पंडित जी पूजा अनुष्ठान कर रहे हो तो, आप “ऊँ ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च। गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु।।” मंत्र का निरंतर जाप कर इस पूजा से उत्तम फल प्राप्त कर सकते हैं।

 

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