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- चंद्र ग्रह शांति पूजा
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चंद्र ग्रह शांति पूजा
वैदिक ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो चंद्रमा के प्रभाव से ही जातक का मन विचलित व स्थिर होता है। माना गया है कि जिस भी व्यक्ति का अपने मन पर नियंत्रण हो तो, वे कुछ भी आसानी से कर सकता है। परंतु यदि मन अस्थिर हो तो जातक को हर कार्यों को करने में परेशानियों के साथ-साथ कुशलाता में कमी से भी दो-चार होना पड़ता है। खगोलीय दृष्टि से भी, चंद्रमा (Moon) का विशेष महत्व देखा गया है। क्योंकि समुद्र में ज्वार आने से लेकर, ग्रहण लगने तक में चंद्रमा का अहम योगदान होता है। इस बात में भी कोई संदेह नहीं है कि सूर्य ग्रह के बाद आसमान में सबसे अधिक चमकदार ग्रह चंद्रमा ही है।
पूजा की संपूर्ण जानकारी और विधि
चंद्र ग्रह का महत्व
वैदिक ज्योतिष में चंद्र ग्रह को मन, माता, मानसिक स्थिति, मनोबल, द्रव्य वस्तुओं, सुख-शांति, धन-संपत्ति, बायीं आँख, छाती, आदि का कारक माना गया है। ज्योतिष के मुताबिक चंद्रमा राशियों में कर्क राशि का स्वामी और नक्षत्रों में रोहिणी, हस्त और श्रवण नक्षत्र का स्वामी है। सभी ग्रहों में चंद्रमा की गति सबसे तेज होती है। चंद्रमा के गोचर की अवधि सबसे कम होती है। यह लगभग सवा दो दिनों में एक राशि से दूसरी राशि में गोचर कर जाता है। ज्योतिष शास्त्र में राशिफल को ज्ञात करने के लिए, जातक की चंद्र राशि की ही गणना की जाती है। क्योंकि जन्म कुंडली में चन्द्रमा की स्थिति को ही सबसे प्रभावी माना जाता है। ॐ इमं देवा असपत्नं सुवध्यं महते क्षत्राय महते ज्यैष्ठ्याय महते जानराज्यायेन्द्रस्येन्द्रियाय। इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश एष वोऽमी राजा सोमोऽस्माकं ब्राह्मणानां राजा।।
चंद्र ग्रह शांति पूजा के लाभ
- चंद्र शांति पूजन से, कुंडली में मौजूद चंद्रमा के दुष्प्रभावों से जातक को मुक्ति मिलती है।
- चंद्र ग्रह शांति पूजा से जातक को सुखी और समृद्ध दांपत्य जीवन की प्राप्ति होती है।
- चंद्र शांति पूजा जातक की मानसिक क्षमता और एकाग्रता को बढ़ाती है।
- इस पूजन से व्यक्ति के जीवन में स्थिरता आती है और व्यक्ति अपने मन की भावनाओं पर नियंत्रण रखने में सफल रहता है।
- शांति से व्यक्ति के स्वास्थ्य जीवन में तेजी से सकारात्मक बदलाव आने लगते है।
- यदि आपकी मां को कुछ समस्या है तो, वो भी इस शान्ति पूजन से दूर होती है और उनके साथ आपके संबंध मधुर बनते हैं।
अशुभ चन्द्रमा का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जिस जातक की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, उन जातकों को जीवनभर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जिसमें से मानसिक तनाव के साथ ही, आत्मबल की कमी शामिल हैं। इसके अलावा जातक के अपनी माता के साथ संबंध मधुर नहीं रहते। वहीं जातक के वैवाहिक जीवन में भी शांति का अभाव रहता है। कुंडली में पीड़ित चन्द्रमा जातक को क्रोधी बनता है और जूस जातक का अपनी वाणी पर नियंत्रण नहीं रख पाता। जिसके परिणामस्वरूप उसे हमेशा निराशा का सामना करना पड़ता है। चंद्रमा की अशुभता के कारण व्यक्ति को मानसिक पीड़ा होती है और व्यक्ति की स्मृति बेहद कमजोर हो जाती है। ऐसा व्यक्ति कई बार आत्महत्या करने की कोशिश भी करता है। इसलिए चंद्र ग्रह को शांत कर उसे कुंडली में मजबूत बनाना, बेहद ज़रूरी हो जाता है।
चंद्र ग्रह की पूजा में सर्वोपरि है वैदिक मंत्र
चंद्र ग्रह की पूजा वैदिक मंत्रों, पारंपरिक ग्यारह हज़ार मंत्र संख्याओं और षोडशोपचार चरणों के साथ की जाती है। पूजा में "होमा" (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है जिसमें घी, तिल, जौ और भगवान चंद्र से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री व चंद्रादि संख्याओं के मंत्र का पाठ करते हुए, उसे अग्नि को अर्पित किया जाता है। जातक की जन्म कुंडली में ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय है। ऐसे में चंद्र ग्रह शांति पूजा से अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, वैदिक पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त, नक्षत्र, वार और तिथि के अनुसार ही करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को कराने के लिए, एक पुजारी यानी एक पंडित जी को नियुक्त कर, पूजा को 5 या 6 घंटों में संपन्न किया जाता है।