सूर्य ग्रह शांति पूजा 7000 मंत्र जप

 

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  • सूर्य ग्रह शांति पूजा
    सूर्य ग्रह शांति पूजा के माध्यम से सूर्य देव के अशुभ प्रभाव को दूर कर उन्हें अपनी जन्म कुंडली में बनाएं बलवान।
  • सूर्य शांति पूजा के लाभ
    सूर्य शांति पूजा करने से होगी सुख, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति।
  • सबसे सटीक उपाय
    सूर्य के प्रकोप से बचने के लिए सूर्य ग्रह शांति पूजा है सबसे सटीक उपाय।
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सूर्य ग्रह शांति पूजा

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि किसी जातक की कुंडली में सूर्य बली हो तो, जातक अपने जीवन में सभी लक्ष्यों की प्राप्ति करता है। जातक के अंदर गजब का साहस देखने को मिलता है। इसके साथ ही वे प्रतिभाशाली व गजब की नेतृत्व क्षमता से परिपूर्ण होता है। उसे अपने जीवन में मान-सम्मान की कोई कमी नहीं होती। ऐसा व्यक्ति हमेशा दयालु, ऊर्जावान, आत्मविश्वासी व आशावादी होता है। सूर्य का शुभ प्रभाव जातक को पारिवारिक जीवन में सुख-समृद्धि भी देता है। वो सूर्य देवा का प्रभाव ही होता है जो जातक को शाली रहन-सहन व सुख-सुविधाओं से निपूर्ण करता है। ऐसे जातक अपने कार्य व संबंधों के प्रति काफी वफादार होते हैं। साथ ही कुंडली में सूर्य का उच्च व प्रभावी होना, सरकारी नौकरी की ओर इशारा करता है, जिससे जातक जीवन में उच्च पद प्राप्त करने में सफल रहता है।

पूजा की संपूर्ण जानकारी और विधि
सूर्य ग्रह की पौराणिक मान्यता
वैदिक शास्त्रों में सूर्य ग्रह को सौरमंडल का राजा माना गया है। इसके साथ ही सूर्य (sun) को ऐसे देवता बताया गया है, जिन्हें प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सूर्य देव महर्षि कश्यप के पुत्र हैं और उनकी माता अदिति हैं। जिसके कारण सूर्य का एक नाम “आदित्य” भी है। ज्योतिष में सूर्य को आत्मा का कारक भी माना जाता है। इसलिए ही लोग सूर्य ग्रह से चिकित्सीय और आध्यात्मिक लाभ को पाने के लिए, नियमित रूप से प्रातःकाल उठकर सूर्य नमस्कार करते हैं। हिन्दू पंचांग के अनुसार भी, रविवार का दिन सूर्य ग्रह को समर्पित होता है।

सूर्य ग्रह की पूजा में सर्वोपरि है वैदिक मंत्र
सूर्य ग्रह की पूजा वैदिक मंत्रों, पारंपरिक सात हज़ार मंत्र संख्याओं और षोडशोपचार चरणों के साथ की जाती है। पूजा में "होमा" (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है जिसमें घी, तिल, जौ और भगवान सूर्य से संबंधित अन्य पवित्र सामग्री व सूर्यादि संख्याओं के मंत्र का पाठ करते हुए, उसे अग्नि को अर्पित किया जाता है। जातक की जन्म कुंडली में ग्रहों के बुरे प्रभाव को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय है। ऐसे में सूर्य ग्रह शांति पूजा से अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, वैदिक पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त, नक्षत्र, वार और तिथि के अनुसार ही करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को कराने के लिए, एक पुजारी यानी एक पंडित जी को नियुक्त कर, पूजा को 5 या 6 घंटों में संपन्न किया जाता है।

सूर्य ग्रह शांति पूजा के लाभ
  • सूर्य दोष निवारण पूजा से कुंडली में मौजूद सूर्य के सभी नकारात्मक प्रभाव दूर होते है।
  • सूर्य शांति पूजन से जातक को समाज एवं नौकरी में उच्च पद, सरकारी नौकरी व बेरोजगारी, जैसी समस्याओं से निजात मिलती है।
  • इस पूजा से जातक के आत्मविश्वास, इच्छा शक्ति, तार्किक क्षमता और प्रसिद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।
  • यदि आपके पिता को कुछ समस्या आ रही हैं तो भी, सूर्य ग्रह शांति पूजा से उन्हें हर समस्या से निजात मिलती है।
  • सूर्य ग्रह शांति पूजा करने से जातक को अपने सभी गंभीर रोग आदि से मुक्ति मिलती है, जिससे वो बेहतर और स्वस्थ जीवन का आनंद ले पाता है।
सूर्य ग्रह का महत्व
जिस जातक की कुंडली में सूर्य पीड़ित हो या प्रभावी न हो तो, उन जातकों को जीवनभर बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कुंडली में सूर्य की अशुभता जातक को अहंकारी, उदास, विश्वास हीन, ईर्ष्यालु, क्रोधी, महत्वाकांक्षी, आत्म केंद्रित, क्रोधी बनाती है। इनके नकारात्मक प्रभाव से सभी कार्य बिगड़ने लगते हैं और धीरे-धीरे व्यक्ति अपना आत्मविश्वास खोने लगता है। सूर्य दोष जातकों के अंदर ईर्ष्या भी उत्पन्न करता है, साथ ही जातक को सामाजिक मान-सम्मान में हानि से भी दो-चार होना पड़ता है। इसके अलावा सूर्य ग्रह जातक की जन्म कुंडली में, पिता का प्रतिनिधित्व करता है। जबकि यह मनुष्य की प्रसिद्धि, ख्याति, सफलता, सामाजिक स्थिति, सरकारी नौकरी आदि को दर्शाता है। सूर्य देव को सिंह राशि का स्वामी माना गया है और मेष राशि इनकी उच्च राशि होती है, तो वहीं तुला इसकी नीच राशि मानी गई है। ॐ आ कृष्णेन रजसा वर्तमानो निवेशयन्नमृतं मर्त्यं च। हिरण्ययेन सविता रथेना देवो याति भुवनानि पश्यन्।।

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