प्रेत बाधा निवारण पूजा



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  • प्रेत बाधा निवारण पूजा
    प्रेत बाधा निवारण पूजा के माध्यम से पाएं भूत-प्रेत और ऊपरी बाधाओं से तुरंत मुक्ति!
  • प्रेत बाधा निवारण पूजा से बदलेगा भाग्य
    इस पूजन-अनुष्ठान से जातक के चारों ओर एक सुरक्षा कवच का निर्माण किया जाता है, जिससे उसका हर प्रकार के काले जादू, भूत, आत्माओं, आदि से बचाव होता है।
  • सबसे सटीक उपाय
    प्रेत बाधा दोष के नकारात्मक प्रभाव से बचने के लिए प्रेत बाधा निवारण पूजा है सबसे कारगर उपाय!
  • अभी करवाएं ऑनलाइन पूजा व अनुष्ठान
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प्रेत बाधा निवारण पूजा

कई धार्मिक ग्रंथो के अनुसार, इस संसार में जहां सकारात्‍मक शक्तियां हैं तो वहीं नकारात्मकता भी मौजूद हैं। फिर चाहे आप विश्वास करें या न करें, लेकिन इस बात में कोई संदेह नहीं है कि हमारे आसपास भूत, प्रेत, अदृश्य आत्माएं व कई नकारात्मक शक्तियां भी मौजूद होती हैं और जो कई बार मौका पाते ही किसी घर या मनुष्‍य के शरीर पर कब्‍जा कर लेती हैं। इसके अलावा कई जातकों की जन्म कुंडली में भी इस प्रेत बाधा दोष का निर्माण होता है, जिसके कारण उस जातक के शरीर पर किसी प्रेत का साया होने की आशंका अधिक रहती है। इस दोष के परिणामस्वरूप ही व्यक्ति को जीवनभर काफी प्रताड़ना और दुःख सहने पड़ते हैं। ऐसे में भूत प्रेत की बाधा व इस दोष से बचने व उसकी शांति के लिए प्रेत बाधा दोष निवारण पूजा ही एकमात्र कारगर उपाय हैं, जिसे विधिपूर्वक करने पर भूत-प्रेत और ऊपरी बाधा से व्यक्ति को तुरंत मुक्ति मिलती है। आमतौर पर ये पूजन व अनुष्ठान एक दिन में ही लगभग 5 से 6 घंटे में संपन्न किया जाता है।


पूजा की संपूर्ण जानकारी और विधि
योग्य व कर्मकांडी ब्राह्मण करते हैं मार्गदर्शन
Omasttro के वरिष्ठ पुरोहित के नेतृत्व में सभी पाठ संपन्न किए जाते हैं। हमारे प्रतिष्ठित व वरिष्ठ ज्योतिषी, अपनी विद्या की मदद से जन कल्याण का कार्य करते हुए जातकों के दुखों, कष्टों और समस्याओं का निवारण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। खास बात ये कि पूजा-पाठ करने वाले हमारे ज्योतिषी व पुरोहित अकादमिक और ज्योतिषीय योग्यता व अनुभव के मापदंडों पर प्रमाणित होते हैं, उन्हें स्वयं एस्ट्रोसेज वैरिफाइड करता है और ये वरिष्ठ पुरोहित पूजा-पाठ के दौरान, आपके हर प्रश्न का सरलता व स्पष्टता से उत्तर देने में पूरी तरह सक्षम होते हैं।

विस्तृत पूजा विधि
किसी भी पूजा की शुरुआत वैदिक मंत्रों के उच्चारण व जप के साथ होती है। पूजा में "होमा" (हवन) अनुष्ठान भी शामिल है जिसमें घी, तिल, जौ और अन्य पवित्र सामग्री व मंत्र का पाठ करते हुए, अग्नि को अर्पित की जाती है। जातक को इस पूजा से सर्वश्रेष्ठ लाभ देते हुए, उसकी समस्या को दूर करने के लिए यज्ञ एक महत्वपूर्ण उपाय होता है। अधिकतम सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने के लिए, वैदिक पूजा सबसे अच्छे मुहूर्त, नक्षत्र के दिन करनी चाहिए। शुभ मुहूर्त के दौरान पूजा को पूरा करने के लिए, एक पुजारी यानी एक पंडित जी को नियुक्त किया जाता है, जो समय अनुसार पूजा को संपन्न करते हैं ।

पूजा के लाभ
  • वैदिक ज्योतिष अनुसार पूजा करने से जीवन में समृद्धि आती हैं।
  • पूजा कराने से जातक को मनोवांछित फल प्राप्त होते हैं।
  • जातक के व्यवहार में सकारात्मकता आती है।
  • जीवन में प्रसिद्ध , मान्यता और मान-सम्मान प्राप्त होता है।
  • घर के सदस्यों का स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  • यह पूजा अथवा अनुष्ठान कराने से आपके महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होते हैं।
  • इस पूजा के प्रभाव से आपके वो सभी कार्य जो रुके हुए थे, वो पूरे हो जाते हैं।
  • शारीरिक और मानसिक चिंताएं दूर होती हैं।
  • नौकरी, करियर और जीवन में आ रही सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती है।
पूजा-अनुष्ठान में होता है चमत्कारी वैदिक मंत्रों का उच्चारण
पूजा-अनुष्ठानों के दौरान पारंपरिक वैदिक मंत्रों का जप, जातकों के लिए बहुत महत्व रखता है। इस जप से ही मन, आत्मा और ऊर्जा को शुद्ध करने में मदद मिलती है, जिससे जातक मानसिक शक्ति और कौशल को पुनः प्राप्त करने में सक्षम होता है। इन वैदिक मंत्रों के जप से मिलने वाली सकारात्मक ऊर्जा से वातावरण में शांति और समृद्धि आती है, जिससे सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद मिलती हैं। पूजा-पाठ के दौरान उससे संबंधित मंत्रों का जाप ही जातक को आध्यात्मिक जागृति की ओर ले जाता है और उसे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलना सुनिश्चित होता है। साथ ही मंत्रों की मदद से ही जातक को पूजा से शुभाशुभ परिणाम और आशीर्वाद के लिए देवी-देवताओं को प्रसन्न करने में भी मदद मिलती है।


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